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लोक संस्कृति

विश्व रेडियो दिवस: भारत के ग्रामीण अंचल में आज भी सूचना का सशक्त साधन है रेडियो

रेडियो वर्षों से सूचना प्राप्त करने का एक सशक्त साधन रहा है और अगर गांव देहातों की बात करने तो आज भी इसका प्रभाव...

गांव अगर खो गए, नहीं बचेगा देश और नहीं बचेगी संस्कृति

डॉ.राजश्री देवी गांव शब्द में ही एक अद्भुत आकर्षण है। गांव बोलते ही मन में हरे-भरे खेत, गाय-बैलों के चरने के लिए विशाल मैदान, पानी...

यमुना किनारे से कला केंद्र तक लिट्टी चोखा और संवाद का सफर

संतोष कुमार सिंह लिट्टी चोखा ओर संवाद का सफर यमुना किनारे से चलकर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र तक पहुंच गया है। प्रत्येक...

​तीस्ता की याद हुई ताजा, बहन सृष्टि ने दी अभूतपूर्व श्रद्धाजलि

संतोष कुमार सिंह सारण: किसी भी कलाकार के लिए इतनी बड़ी श्रद्धाजलि न कभी किसी ने देखा होगा और न ही सुना होगा। लेकिन इतिहास...

बंद होठों की चीत्कार ‘धुमकुड़िया’

जीतेन्द्र सिंह धुमकुड़िया नागपुरिया भाषा में बनी फिल्म लीक से हट कर बनाई गयी है,जो निर्देशक की जीवन में प्राप्त अनुभवों से बनी है। यह...

बिहार उत्सव में जूट से बना सामान लोगों को कर रहा अकर्षित

दिल्ली मे जारी बिहार उत्सव के दौरान जूट से बने घरेलू सामानों और नक्काशी कला युवाओं को बेहद प्रभावित कर रही है। यही कारण...

दिल्ली में बिखरेगी बिहार की संस्कृति की छठा

बिहार स्थापना दिवस के अवसर पर 15 दिवसीय बिहार उत्सव 2019 का आयोजन देश की राजधानी दिल्ली में 16 से 31 मार्च 2019 तक...

…अबहीं नाम भइल बा थोरा, करब याद..जब ई छुट जाई तन मोरा

निराला सब अकेले जाते हैं, अकेला भी अकेले गये लेकिन वे समूह के मानस में हमेशा रहेंगे बात तब की है,जब बिहार की राजनीति में...
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